08 मार्च 2018

छोड दू

तुम रूठ जाओ, मैं मनाऊ.. खेल ये चलता रहे 
रूठो न इतना भी, की मैं थककर मनाना छोड दू 

नजरें चुरा लो कुछ दफा.. कर लू नजरअंदाज भी 
पर यूँ न फेरो मुह, की मैं नजरें मिलाना छोड दू 

मैं कुछ कहू, कुछ पूछ लू.. सुनकर भी कर दो अनसुना 
इतनी भी चुप्पी मत रखो, मैं बात करना छोड दू 

पीछे चलो, आगे चलो.. धीमे चलो, भागे चलो 
पर यूँ न मोडो कदम, की मैं साथ चलना छोड दू 

- अनामिक 
(२०/०२/२०१८ - ०८/०३/२०१८)

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