29 नवंबर 2017

कुछ करतब हो तो बतलाओ

ये बात समझ के बाहर है 
क्या हुनर भला शानदार है ? 
खासियत कौनसी है तुम में ? 
जो गुरूर सर पर सवार है 

मैं जी भरकर तारीफ करू 
मैं सर-आँखों पर भी रख लू 
कुछ कला, कसब तो दिखलाओ 
कुछ करतब हो तो बतलाओ 

तुम हुस्नपरी हो, तो मानू 
तुम जादूगरी हो, तो मानू 
इक साधारण सी सूरत लेकर 
चार किलो श्रुंगार चढाकर 
दो कौडी की घमंड का 
कुछ मतलब हो तो बतलाओ 

इन्सान अगर हो, इन्सानों की 
तरह जमीं पर चला करो 
हर वक्त गगन में रहने वाले, 
तुम रब हो तो बतलाओ 

जो मान उचित है, बेशक दू 
पर काबिलियत के नुसार ही 
बस लडकी हो तो भाव चाहिए 
ये दलील मंजूर नही 

मैं दोस्त बनूंगा खुद होकर 
गप्पें कर लूंगा जी भरकर 
जब बेवजूद ये अकड, हेकडी 
गायब हो तो बतलाओ 

कुछ करतब हो तो बतलाओ 

- अनामिक 
(२८,२९/११/२०१७)

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