13 अगस्त 2017

कभी ना हो खतम

ये दिन खतम ना हो कभी, ये रात भी ना हो खतम
ये बेसमय चलती हमारी बात भी ना हो खतम 

ये तितलियों के काफिलें, ये जुगनुओं की महफिलें
ये चाँदनी की मदभरी बरसात भी ना हो खतम 

ये रंग हया का शरबती, लब पे हसी की चाशनी
दिल से छलकते शबनमी जजबात भी ना हो खतम 

तरकीब कुछ हम खोज ले, सुइयाँ घडी की रोक ले
पर ख्वाब सी ये जादुई मुलाकात भी ना हो खतम 

ये दो कदम का रासता, ये सौ जनम का वायदा
ये उम्रभर के साथ की शुरुआत भी ना हो खतम 

- अनामिक 
(०६-१३/०८/२०१७) 

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