मैं मेघ रिमझिम, तुम चमकती दामिनी
मैं गीत दिलकश, तुम सुरीली रागिनी
मैं दीप जगमग, तुम सुनहरी रोशनी
अधूरी सी तुम्हारे जिक्र बिन पहचान है मेरी
तुम्हारी ही कहानी में ढली दास्तान है मेरी ॥ धृ ॥
बेताब साहिल मैं, लहर सी चुलबुली हो तुम
मैं बावरा जुगनू, तितली मनचली हो तुम
उम्मीद हो तुम, मैं तुम्हारा हौसला
पंछी निडर तुम, मखमली मैं घोंसला
तुम्हारे नर्म पंखों से बुलंद उडान है मेरी
अधूरी सी तुम्हारे जिक्र बिन पहचान है मेरी ॥ १ ॥
तकदीर में मेरी लिखी हो तुम लकीरों सी
मेरी मुसाफिर कश्तियों को तुम जजीरों सी
तुम हो सियाही कल्पना की, मैं कलम
इक-दूसरे संग ही मुकम्मल है जनम
तुम्हारी ही खुशी के संग जुडी मुस्कान है मेरी
अधूरी सी तुम्हारे जिक्र बिन पहचान है मेरी ॥ २ ॥
- अनामिक
(०९/०८/२०१५ - २७/०३/२०१७)