01 अक्तूबर 2016

छोटी छोटी बातें

भले दिखे ना तू अप्सरा जितनी खूबसूरत
चमक-धमक, सिंगार की नही तुझे जरूरत
बडी खासियत, बहोत अनोखे गुण कोई ना होते भी
दिल को छू जाती हैं तेरी छोटी छोटी बातें भी 

किसी राज सी गहरी कंचों जैसी आँखें
पलखों पे वो भीनी सी काजल की रेखा
नाजुक उंगली में इक सबसे अलग अंगूठी
माथे पे वो हलका सा कुमकुम का टीका
क्लिप से कैद कर रखा वो जुल्फों का सैलाब
जूही की कलियों जैसे वो नन्हे से लब 

रहन-सहन में बसी सादगी 
लिबास से झलकती नजाकत
खोए रहने को खुद का जग
हर काम में लगन और शिद्दत
शांत शख्सियत है वैसे, पर
दोस्तों संग बहोत चहचहाहट 

और भला क्या क्या बातें दिल में धीमे से घर करती है
जैसे धरती में बारिश की इक-इक बूँद उतरती है
किसी बीज से अंकुर उगने काफी हैं चंद बरसाते भी
वैसे दिल छूती हैं तेरी छोटी छोटी बातें भी 

- अनामिक
(१६/०९/२०१६ - ०१/१०/२०१६) 

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