29 जुलाई 2016

बरसात

नशीली है अदा बरसात की, रुत है बहकने की
जरूरत है मगर यारों जरा बचने, संभलने की
इशारा है मिला, जमकर गिरेंगी इश्क की बूँदें
बडी संभावना है अब अचानक दिल फिसलने की ॥ धृ ॥

जमेंगे बादलों के झुंड, चलाने बाण बिजुरी के
भिगा देंगे तुम्हें, जितना छिपो फिर आड छत्री के
बचेगी फिर न कुछ उम्मीद दिल का मर्ज टलने की
बडी संभावना है..                                 ॥ १ ॥

सजेगी बाग दुलहन सी, पहन साडी गुलाबों की
तुम्हें छूने उडेंगी तितलियाँ रंगीन ख्वाबों की
रखो दिल सख्त जितना भी, है गुंजाइश पिघलने की
बडी संभावना है..                                 ॥ २ ॥

- अनामिक
(१३/०६/२०१६ - २९/०७/२०१६)

22 जुलाई 2016

पाउस वेडा

पाउस वेडा.. खट्याळ थोडा..
उगाच दंगा करतो पाउस
मेघांनाही लावुन नादी
पिसाटल्यागत झरतो पाउस
पाउस वेडा..           ॥ धृ ॥

उनाड पाउस.. टवाळ पाउस..
पाउस चंचल.. लबाड पाउस..
एकदा का कोसळू लागला,
समजवण्याच्या पल्याड पाउस
कधी पसरलेली ओंजळही
भरण्याआधीच विरतो पाउस
पाउस वेडा..           ॥ १ ॥

तुफान पाउस.. भयाण पाउस..
आनंदाला उधाण पाउस..
पाउस धोधो.. पाउस रिमझिम..
पाउस बोचक.. पाउस रेशिम..
सोंगाड्या हा.. किती मुखवटे,
किती रुपे पांघरतो पाउस
पाउस वेडा..           ॥ २ ॥

या शहरातुन.. त्या रानातुन..
वेलीतुन.. झाडा-पानातुन..
याच्या-त्याच्या खोड्या काढत
लहानग्यागत फिरतो पाउस
दमल्यावर मग भूमातेच्या
कुशीत गुपचुप शिरतो पाउस
पाउस वेडा..           ॥ ३ ॥

जरी कितीही बरसुन गेला
मनात शिल्लक उरतो पाउस
कातरवेळी साधुन संधी
डोळ्यातुन पाझरतो पाउस
पाउस वेडा..           ॥ ४ ॥

- अनामिक
(१९-२१/०७/२०१६)